Poetry: नेक निशाना
अंदाज थोडे नये है, शौक अभि-भी पुराणे है। मंझिले थोडी नई है, उमीदे तो अभी-भी कायम है। हौसले थोडे बुलंद है, समा अभी-भी रंगीला है। अरमान कुछ ज्यादा है, इरादे अभी-भी मजबूत है। नजरिया थोडा अलग है, मगर निशाना बिलकुल नेक है। -B. S. K.